सन्देह, चिन्ता, घृणा और ईर्ष्या का जीवन मे कोई स्थान नहीं अतः इन्हें छोड़ देना ही परमानन्द की प्राप्ति है।
कभी घोर से पढ़ना मेरे शब्दों को इनमें तु ही झलकती है , आज भी ईत्र की तरह मेरी धड़कन में तु ही महकती है
मकसद नहीं तुम्हें करना हासिल , दे देना अपना दिल अगर लगू तुम्हें काबिल
बहुत प्यार करती हु मेरे शोहर , प्यार के लिए हस के मे कर दूँगी जोहर
महसूस करो कसम एक एहसास है निभाओ तो कसम एक अटूट विश्वास है
अनाथ का क्यूँ कोई नहीं बनता है नाथ , अनाथ को सहारा देने में क्यूँ शर्माता है हर हाथ
In ankho m na jane kiska khumar tha, mano jaise dil hmara bimar tha, ap aye to khushi se uchhal pada shayad ise isi pal ka intazar tha...
Ap aye dil khush hua jo pahle udas tha... Ye dil bhi na jane kaha kho gya jo kabhi humare pas tha...
क्यूँ कहते हो बहू है पराया अंश , मत भूलो बहू मे ही पलता है तुम्हारा वंश
कहते है, कुछ लोग मगरमच्छके आॅंसू बहाते है|लेकिन सवाल यह है कि क्या सचमें मगरमच्छ आॅंसू बहाता है?
Ap aye dil ki udasi khushi mai tabdeel ho gayi...
Mjhe pta h ap sab jante ho sab samjhte ho... bas anjan banate ho sabke samne...
एक पैर कब्र मे है और इन्हे प्यार सूझ रहा है , अभी लव यू बोल रहे है जब जीवन का दीपक बुझ रहा है
ये शब्द लिखते - लिखते आज भी आँखे भर आती है वो पुरानी यादे मेरे आज मे फिर निखर आती है
कहा मिलोगे हम से नहीं बनी है कोई मजार , बंद आँखो से आज भी दुआ है बस तुम अपना जीवन लेना सवार
हद तब हो गई जब वो गेरो का हाथ थाम कर आए हमारी कब्र पे हमे शांत देख के खुदा भी रो रहा था हमारे सब्र पे
हमसे मिलने को आज वो ढूंढ रहे है कब्र और मजार याद उन्हें हमारी तब आयी जब मिली हमे मोत की कगार
भरी आंख से भी सिर्फ तुम्हें करते है याद , मंदिर हो या मस्जिद हर दर पे तुम्हारी खुशी की ही करते है फरियाद
तेरे जुल्फों का लहराना जैसे काले बादलों का यू चले जाना याद आता है मुझे।
अगर तुम जूठ हो तो ये जूठ भी बन गया मेरा हुजूर है बस तुम खुश रहो हर सितम हमे मंजूर है
मे उफनता नाला हू तुम ठहरा शांत नदि का पानी हो , इसलिए शायद आग और पानी को मिलाके बनी ये हमारी प्यार की कहानी है