मत कर खुद पे इतना गुरूर , मेरी वफा से ही तेरी सूरत को मिलता है सूर
आजमा के देख ले मे जहरीला जाम हू , तेरी बेवफाई का इनाम हू
इशक मे मेरा दिल उड़ता परिंदा था मेरे मासुमियत के पंख काटने वाला वो दरीन्दा था
अकेला छोड़ गए है मुझे रोने के लिए , बेवफाई का जख्म काफी है मुझे तोड़ने के लिए
प्यार नहीं उनकी आदत हू , उनकी जीस्म की प्यास बुझाने की जरूरत हू
वो कहती है उसे मौका ही नहीं मिला प्यार जताने का, मैं सोचता हूँ क्या सच में ! उसके पास समय ही नहीं था मुझे कुछ बताने का ।
मुझे डर नहीं है बदनाम होने का, कहाँ किसी के पास वक्त ही है किसी को कुछ बताने का।
खुद बदनाम लोग क्या बदनाम करेंगे मुझे।
जब तक हम जिन्दगी को अपने से अलग करके परखेंगे, जिन्दगी के मूल को समझ ही नहीं पाएंगे।
सारे रास्ते मंजिल तक जाते हैं, बस आपको अंजाम तक चलना होगा।
तुम बस चलो तो....तुम्हारे गिरनें से पहले मैं तुम्हें संभाल लूंगा।
तुझसे नाराज होने की वजह ही क्या है, तूँ मेरी पसन्द थी तेरी कोई और।
मैं बस इजहार नहीं कर पाता, प्यार तो खुद से अधिक करता हूँ तुम्हें।
मुझे वो यार चाहिए जो मेरा साथ दे, "जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी"....
मैं दुःख को भी गले लगा लूंगा अगर मेंरे अपनें खुश रहें तो।
मत कर मुझे इतना परेशान , बेवफाई भी समझती हु नहीं हु नादान
वफा सबसे खूबसूरत गहना है , दस गम सहन कर के भी तुम्हारे साथ रहना है
बच्चोंके साथ खेल और बुजुर्गोंके साथ मेल जिवनमें बहुत आनंद देता है|
चाहना आता है मुझे, भूलने की तालीम नहीं सिखी हमनें।
कहने,सुननेकी बातोंपर विश्वास करना धोकेसे कम नही,आॅंखों देखी हो तो और बात है लेकिन वह भी कभी कभी सच्चा नही होता|
हर बातमें नकार देना नकारात्मकता है, हर बातमें कुछ सोचे बिना हाॅं कहना आत्मघातसे कम नही है|