कल सायद तेरी जिन्दगी में कोई आये, पर मेरी तो जिन्दगी ही तुम थी।
मैं तो मोहब्बत का परिन्दा हूँ, फिर न जानें क्यों कुछ लोग मुझे देख कर खुस होते हैं और कुछ उदास!!!
हमारे प्यार का ये लम्हां अमर रहेगा क्योंकि इसकी मिठास जो घुल गयी है इन हवाओं में।
तेरी इन्हीं अदाओं ने तो मुझे फिदा कर दिया, भीड़ भरी दुनियाँ से जुदा कर दिया।
तुमनें तो मुझे खाबों में ही लूट लिया।
तुझसे मिलने का मजा तो चोरी-चोरी ही आता है।
तु आदत नहीं मेरी चाहत है तू
मत कर इतनी मोहब्बत की बिगड़ जाए मेरी आदत
देख के उसे आज भी कुछ होता है उसकी हरकत पर मे नही मेरी वफा का हर लम्हा रोता है
सबसे कातिल है उसकी अदा, देख के उसे भूल जाता खुदा
सफलता के लिए रथ की नहीं किसी साथ की जरूरत है आंचल तक नहीं सिर तक पहुचे उस हाथ की जरूरत है
अपनो से जुदाई का डर सताता है, क्या होते है अपने उनसे जुदाई का एक पल बताता है
माँ, भावना की एक ऐसी मूर्ति है जिसने सिर्फ प्यार और त्याग करना सीखा।
टूटे दिल की जिद, ईश्वर को भी पूरी करनी पड़ती है।
युध्द भलेही तिर कमानोंसे होते है लेकिन प्यार मोहोब्बत भी ईनसे छुटी नही | भलेही वह तिर कमान आॅंखोंके क्युॅं न हो|
जिस्मपर लगे घाव तो मीट सकते है लेकिन दिलपर लगी चोट सालोंसाल बहतीही रहती है|
तेरे घरके सामने एक घर बनाऊंगा. लेकिन प्लाॅट खाली मिले तो ना ?
मेरी दुनिया उनमें बसती है बंद आँखो में भी तस्वीर उनकी दिखती है
साथ निभाना आँखो से सीखो साथ में खुलती है और साथ में बंद होती है
बस मेरे बाथरूम का दरवाजा बंद रहता है बाकी मे खुली किताब हू
मेरा अपना परिचय चाहिए मेरे संघर्ष के साथ सफलता का संचय चाहिए