ये तकदीर ही तो है जो अच्छे - अच्छे अमीरों को बना देती है फकीर
मा बाप को नहीं दे पाए मान और आज अपने लिए तलाश रहे है शान
एक बेवफा को पाना है जरूरी, ये मेरे दिल की है मजबूरी।
इस जिद्दी दिल की हर अरदास करना पूरी है जरूरी तो नहीं, एक बेवफा को फिर साथी बना लूँ, इतनी मेरी मजबूरी तो नहीं।
किससे कहूँ मैं इस दिल की लगी, कौन है जो देगा मेरे टूटे दिल को तसल्ली!!
टूटने के बाद भी मैं जिन्दा हूँ?, ऐ जिन्दगी मैं तुझ पर ही सर्मिन्दा हूँ ।
मेरा वजूद इतना नाजुक नहीं, जो कोई भी उखाड़ के फेंक दे।
हम पर सितम पे सितम करता रहा वो यारा, बड़ी खामोशी से देखते रहे अपनी बर्बादी का नजारा।
जिंदगी थी हसीन और है हसीन, हाँ, कभी-कभी हो जाती है थोड़ी खट्टी, मीठी और नमकीन।
ये जो जीने की लत है, बड़ी खराब है, साला हर हाल में जिन्दा रखती है!!!!
तेरी आँखों के फ़सानों को पढ़ना है फिर से, जी चुका मैं ये जिन्दगी, अब दीवानगी में मरना है फिर से.....
मे आम हू या खास वक्त बताएगा, एक दिन हर शख्स मेरी सफलता की कहानी सुनाएगा
पता नहीं में रहता अब कहा हू , शायद वो आंसू हू जो तेरी याद मे बहा हू
एक दिन सफलता का पाऊँगी वो शिखर, मुझसे जलने वाले भी जलन से जाएंगे बिखर
हर वक्त खूद से लड़ना है और जीवन में आगे बडना है
जैसे मोबाइल से हर रोज बेकार की चीजे डिलीट करते हो वैसे जिन्दगी से भी कड़वी यादे मिटा दो जिन्दगी जन्नत बन जाएगी
लोग कहते मुझे मुस्कान है कभी जाक के देखो दिल में जिंदा शमसान हू
अपनी गलतियों को कागज पे उतारने से ज्यादा जरूरी उनसे सबक सीखना होता है
दोलत और शोहरत नहीं मुझे तो अपनो की मोहब्बत चाहिए
वक्त होता सबसे जालिम है जो कोई ना सिखाए वक्त वो सिखाता तालीम है
आजमा के देखना वक्त से ज्यादा कोई सख्त नहीं होता