मेरे धरती के चाँद को देख रोजा तोड़ दिया और लोगो ने काफिर समझ के छोड़ दिया
मैं भाग्य पर रोता नहीं क्योंकि ख़ुद मालिक हूँ अपने भाग्य का ।
शिकस्त को चेहरे पर दिखानें न देना, एक कला है
तूँ नहीं समझेगी पगली, शक्ल से अच्छी अक्ल होनी चाहिए ! जो सायद तेरे पास नहीं।
पहली नहीं तु मेरी आखिरी ख्वाहिश है
ज्ञान है तो विस्वास है और विस्वास है तो उम्मीद भरी जिन्दगी।
किसी पे उंगली उठाना आसान है लेकिन किसी की और हाथ बढ़ाना उतना ही मुश्किल है
मनुष्य अगर सीखना ही चाहे तो उसकी हर गलती के साथ जिन्दगी उसे कुछ न कुछ सिखाती है।
कभी-कभी खामोसी में ही समाधान होता है, और आदमी बोल-बोल कर परेशान होता है!!
हर एक दोस्त कमीना होता है ये तब भी साथ देता है जब विरोध मे जमाना होता है
मेरे पास दोस्त कम है लेकिन वो कम दोस्त मेरी आँखे नहीं होने देते नम है
दुनिया मुझे बोलती है शातिर क्यूंकि मे अपने गमो को नहीं करती जाहिर
सुरक्षा के लिए समाज बेटी को साड़ी पहनने का पाठ पठाता है लेकिन डाइपर पहनने की उम्र में कोई साड़ी पहनना नहीं सिखाता है
लड़की हू मोम नहीं जो दो इशारों से पीगल जाऊँगी
जिन्दगी भी अजीब है जितनी सुलझाती हू उतनी उलझती है
कसूर हमारा नहीं इन निगाहों का है जो दीदार करती हैं, हमें पता भी नहीं चलता और ये चुपके से प्यार करती हैं।
जब तक आप स्वयं से तर्क कर पा रहे हैं, आप गलत रास्ते पर नहीं जा सकते।
तेरी जरूरतें इतनी बड़ी कब से होगयी, जो मैं पूरा नहीं कर सकता !!
प्यार में साथ और नफ़रत में तनहाई है।
नफ़रत अन्धी है, जितना दूर रहो उतना ही अच्छा है।
प्रेम तर्कहीन है, तभी तो किसी से भी हो जाता है!