अगर मंझिल ना मिले तो प्यार मुहोब्बत सब झुट लगता है|
ना कर तू जिंदगीसे प्यार ईतना के उसके टूॅंट जानेसे पुरी तरह बिखरकर रह जाए|
मैं और मेरे अरमान, कहीं यहीपे दफन ना हो जाए|
हर अच्छी चिजको नजर जरुर लगती है,काले तिकेसे वो रुकती भी है यह तो खुदाही जाने|
ए ईश्क बडी मन्नतोंसे मेरा प्यार जाग उठा है,उसे फीरसे सोने मत देना|
एक एक लम्हा जोडते रहोगे तो एकदिन उसीका खजाना यादगार बन जाएगा|
ये ईश्क नही आसान,ईसमेंभी मेहनत तो करनीही पडेगी|
बड़ेगा तभी आपका मान जब होगा आपको बोलने का भान
रिश्ते विस्वास की एक डोरी से बंधे है।
प्यार का अस्तित्व माँ से ही है।
माँ, एक शब्द नहीं मेरी पूरी की पूरी दुनियाँ है।
वो काला टीका मुझे अब कौन लगायेगा माँ, जो तुम दुनियाँ की बुरी नजरों से बचानें के लिए लगाया करती थी !!
माँ तेरे आंचल की छाया वो ममता वो माया कहाँ खो गई इन वक्त के आगोश में!!!
मैं तेरे आंगन का वो पौधा हूँ माँ जिसे तुमनें प्यार से सिंच कर बड़ा है किया।
दुनियाँ की ठोकरें खा कर याद आयी माँ की वो गोंद जहाँ छुपकर सबसे सुरक्षित महसूस करता था मैं!!!
वो माँ है जिसने आप की एक मुस्कान के लिए अपनी लाखों इच्छायें कुर्बान की हैं !
तेरे चेहरे से फीका चाँद है चाँदनी भी लगती है उदास, तुझे पाने के वास्ते मैनें रब से मांगी है अरदास।
तुम और भी खूबसूरत लगती हो जब चाँदनी रात में चाँद को तकती हो।
हौसला अगर हो तो फासले मिट जाते है।
मेरे जागनें का समय तो आप के 'Good night' बोलनें के बाद सुरू होता है।
ऐसा है मेरे महबूब का हुस्न हर रात होता है सुहाग रात सा जस्न