बेटी कोख का जूठा भ्रम नहीं होती है घाव का मरहम
इशक है दिलो का मेल इसे मत बनाओ खेल
सत्य को अपनी शक्ति बनाओ परम
ना की मेहनत तो तुम्हें लोगो के पीछे गुमना पड़ेगा वरना तुम्हें ये जमाना हाथ जोड़ेगा
वक्त को दोगे मान तो तुम्हें मिलेगी पहचान
इशक बर्बाद नहीं ख्वाबों की दुनिया आबाद करता है
इन बाबाओं के दरबार से चलता है अंधविश्वास का कारोबार
ये जमाना छोड़ा जिसके खातिर वो दिलो से खेलने में निकला शातिर
कुछ बनने का जीन्दा रखो कीड़ा वरना ये दुनिया तुम्हें देगी पीड़ा
इशक एक ऐसा फितूर है जो दुनिया को लगता कसूर है
मा तुझे जब भी देखती हू एक चैन की श्वास लेती हू
जो बनती है शर्तो पे वो नहीं होती है मोहब्बत
कुछ कर दिखाओ तानो मारने वालों को सबक सिखाओ
सफलता के पंख लगा के उड़ना है तो संघर्ष से जुड़ना होगा
वक्त पे कर लो हर काम वरना जिन्दगी करेगी ऐसा हश्न कभी नहीं मना सकोगे जश्न
कितना है अजीब जिसे जान देते हैं वो नहीं बनता हमारा नसीब
ऐसे कभी मत करना काम, जिससे आये पछतावे की शाम
जिन्दगी का न जाने क्या है माजरा, ढूढने के लिए मैं हूँ लापता !
Sahi waqt aata nhi laaya jaata hai.
आ देख आज भी तेरी याद इस दिल में तुझसे ही छुपा कर रखता हूँ!
ये दिल एक बार फिर टूटने के लिए चल पड़ा है, ख़ुदा करे कि कोई बेवफा इसके रास्ते में न आये।