अपनी गलतियों की पहचान कर पाना एक अच्छे व्यक्तित्व की निशानी है।
सायद मेरा दिल फरेबीयों को नहीं पहचान पाता इसीलिए हर इन्सान को अच्छा समझ लेने की गलती करता है!
चाँद जगा चाँदनी जगी, जग गए देखो तारे, याद मुझे उसकी आने लगी जो कल तक नहीं थे हमारे....
अब तो हर वक्त मुझे तेरी याद सताती है, खुदा से भी पहले मुझे तूँ याद आती है!
अब तो आंसू भी सूख गए मेरे पर दर्द अभी कम ना हुआ, प्यार की चाहत थी मुझे पर बेवफ़ाई से मैं रुबरु हुआ।
प्यार को जो ना मानें वो प्यार का दर्द क्या जानें !!!
प्यार में ऐसा ही होता है कोई हँसता है तो कोई रोता है, कोई दर्द से कराहता है तो कोई समझ ही नहीं पाता है।
आज-कल तो प्यार करना और sorry बोल के छोड़ देना एक गन्दा मज़ाक बन के रह गया है !
प्यार जितना दो उतनाही नही तो उससे ज्यादा हमें वापस मिलता है और नफरत ईसमें दो कदम आगे है|
नसिबका खेल जुआ जैसेही है कभी जीताता है तो कभी हराता है लेकिन खेलना तो जरुरी है|
Na navratri buri na ramzan bura, Na Ali bura na hai na hanuman bure, Na hindu bura na musalaman bura, Jo aib lagae wo saitan bura
Zindagi ek tamasha jiske kalakar hai hum , Dekhne waalo ka hai mela huzoor, Nibhane wale hain cum
खूद के पैरो पे खड़ा होना है किसी और पे निर्भर नहीं होना है
चाहत की दुनियाँ जहाँ खत्म होती है, सुकून और शांति की दुनिया वहीं से शुरू होती है।
तु मेरी जान है तुझ से ही मिलती मुझे पहचान है
आज दिखती आँखे उदास है और हम निराश है
आगे बढ़ने के लिए जरूरी नहीं तुम पढ़ो किताब ऐसे हूनर निखारो की भीड़ में मिले तुम्हें अलग पहचान
बेरोजगारी का वक्त है यहा हर कोई एक नोकरी के लिए किताबो का बना भक्त है
कैसे बताऊ सबको हमने तब लिखा है जब बेवफाई का रूप दिखा है
जब भी वो आते हैं करीब भूल जाते हैं हम अपनी तहजीब
एक सफल रिश्ते के लिये एक निभाने वाला और एक समझने वाला चाहिए