जिंदगीमें दौलतसे ज्यादा नाम कमानेमें ही होशियारी है,शौरत खुद दौलत खींच लाती है|
कहते है जिंदगी चार दिनकी होती है,दो दिन अपने और दो दिन दुसरोंके लिये बिताने चाहिये|
जनता जनार्दन चाहे तो बडे बडे राज्य भी जमिनदोस्त हो सकते है|
पाप और पुण्यका हिसाब हम नही रखते,हमेंतो कर्मपरही भरोसा है|
आदमी हो या औरत दोनोंको एक दुसरेके सहारेकी जरुरत तो पडतीही है|
समुंदर अपना पानी खुद नही पिता, पेड अपना फल खुद नही खाते, सुर्यकी किरन खुदकेलिये नही होती,उसीतरह मनुष्यकोभी दुसरोंकेलिये जिना चाहिये|
अपनी हजार कमियों को जोड़ के देखो एक खूबी बन जाएगी
जिन्हे हम हमसफर चुनते हैं उनके लिए मा - बाप के बीस साल के प्यार को क्यूँ भूल जाते हैं
हर रोज कुछ कर गुजरने की आग मे जलती हू संघर्ष में ही अपना अक्ष को ढूंढती हू
हमारे इन्तजार में भी उनसे मोहब्बत का इकरार छिपा है
जिन्हे कहा था कभी हमने अलविदा आज भी दिल है उन ही पे फिदा
तु अनकही बात है हर रात आंसू मे भीगाने वाली बरसात है
वो ख्वाब आज भी पीछा करते हैं नींद मे हकीकत बनके आज भी अपना वजूद दिखाते हैं
अपने फायदे के लिए बदल जाते हैं अच्छे - अच्छों के कायदे
बहुत कम लोग है जो मेरी मुस्कान मे छिपे दर्द को पहचान पाते है
वो पुराने रिश्ते आज भी दिल के किसी कोने मे बसते है
जब रिश्ता ना बचे सच्चा तब अलग होना है अच्छा
मा का ही सच्चा प्यार है बाकी दुनिया तो मतलब की यार है
आँखे अक्सर थकती है जब किसी की राह देखती है
वो रिश्ता अक्सर टूटता है जिनमे दम गुटता है
आज भी रोती हू लेकिन प्यार तो उनसे ही करती हु