है प्रभु माफ करना मेरे हर गुनाह और सदा देना अपनी पनाह
खूबसूरत जिन्दगी का सबसे पहला शगुन होता है जब मिले सच्चा शुकून
बता दे मेरी खता ऐसे चुप रह के मत सता
शिकायते भी वहा होती है जहा प्यार भरी उम्मीदें रहती है
मेरी आँखों में वो बसता है फिर भी वो प्यार नहीं करने का शिकवा करता है
मेरे आज मे भी छुपे है कई राज
सबसे पहले होता है परिवार क्यूंकि परिवार से ही मिलता है हमे आकार
तु लोट के आया तब, जब चला गया मेरा सब
ये गम मेरी आंखो को कर जाते हैं नम
ख्वाबों को हकीकत मे जीना सीखो तारा बनके आकाश मे चमकना सीखो
जो बीत गया उसके बारे में सोचना नहीं है मुझे, जो पाया है बस अब उसे नहीं खोना है मुझे।
फ़िक्र तो मैं तेरी आज भी करता हूँ, बस बात करने को दिल नहीं करता।
शिक्षा एक ऐसी चीज है जो आप को जमीन से आसमान की बुलंदियों तक ले जाती है।
मैं किसी भी इन्सान से नहीं जलता, जलता हूँ तो बस उसके दुर्व्यवहार से।
मेरी कब्र पर वो अपनी मोहब्बत का इजहार कर रहे थे और तब हम बड़े गर्व से कब्र मे सोए हुए इंकार कर रहे थे
नारी फूल बन के खिल सकती है तो काटा बनके चुभ भी सकती है
जो दिया जलता है वो ही उजाला देता है संघर्ष करके ही सफलता से मिलन होता है
लिखना अच्छा लगता है इन शब्दों का साथ सच्चा लगता है
इस टूटे आईने के टुकड़े मे भी उसका अक्ष दिखता है शायद ये दिल आज भी उनसे मोहब्बत करता है
कुछ रिश्ते कभी नहीं मिटते, हाथो से वो पुरानी मेहंदी के दाग नहीं छूटते
सब कुछ बदल गया है ऐसा लगता है जैसे अभी - अभी मेरी जिंदगी से वो खुशी का पहर गया है