वतन को बना लो अपना यार, अपना फायदा भूल जाओ जब वतन पे करे कोई वार
तेरी मुस्कुराहट को मैंने भी थोड़ा सा चुराया, जी तो न जाने कब से रहे थे पर हंसना तुझसे मिलने के बाद आया।
इस दिल ने तुमसे मिलने के बाद धड़कना सिखा !
शायद मुझे देर हो गयी एक बेवफा को पहचानने में...नहीं तो मेरी भावनाओं का कत्ल नहीं होता।
दूर होता गया अपनी ही जिन्दगी से मैं, छिनता गया मुझसे मेरा ही साया, जब से बिछड़ गयी तूँ मुझसे, मैं तो खुद को भी पहचान नहीं पाया।
चम्मच से नहीं हाथो से खाना अच्छा लगता है आज भी होटल का नहीं मां के हाथ का स्वाद सच्चा लगता है
जितनी दफ़ा मुझे चेहरा तेरा याद आया, एक अतीत की चाहत ने मुझे हर बार तड़पाया।
जब चूभेगी मुसीबतो की कील, तभी मिलेगी मंजिल
Thaan lo tum, thaam lo apna hi haath dost - karna hay agar tumhe 'HAR MAYDAN FATEH.'
अगर अपने हुनर से थोड़ा भी लिया कमा तो उसमे भी है अलग है मजा
अक्सर मिलती है हुनर को सड़को पे कदर
अजीब है मेरा यार आँखो से करता है वार
बुजूर्गोंका सम्मान भी करना चाहिये और उनका आशिर्वाद भी लेना चाहिये ताकी हमारे बच्चोंपर अच्छे संस्कार हो|
गलेमें अटका हुआ निवाला ना ही निगला जाता है ना ही बाहर निकलनेको जी करता है|
प्यार कि बाते दिलसे निकलके अक्सर जुबान पर अटक जाती है|
बदनपर लगी चोट दिखा भी सकते है और उसका ईलाज भी करा सकते है लेकिन दिलकी लगी चोट न ही दिखा सकते है,न ही ईलाज करा सकते है|
तेरे नयनोंके तीर क्या लगे मेरा दिल और दिमाग दोनो घायल हो गये|
सिसकती रह जाती हैं आंखें, टूट कर भी दिल उनके सपनें है संजोता, कैसे कहूँ दर्द प्यार में नहीं होता..!
Mere zakhmon ki dawa tere siwa koi nahin.......Koi bhi nahin !
मैं तुम्हारे अतीत की एक अधूरी दुनियाँ हूँ, क्या पूरा करना चाहोगी मुझे..??
तुझसे अलग होकर मैंने एक दुनिया तो बनाई, पर तेरी कमी वहां भी खलती है मुझे.!