काश नशीहत की तरह एहमियत भी आसानी से मिल जाती
अगर मुझसे कोई ये पूछे कि दर्दे दिल की दवा क्या है, तो मैं बोल दूँ वही है यारों जहां से ये जख़्म तुमको मिला है।
मुझे मेरे रास्ते का खुद नहीं पता, फिर मैं किसी और से कैसे करूँ गिला।
डरता नहीं मैं तन्हाइयों से, बस तुम मुझे याद आती रहना।
तूज से मिलती हू भूल के हर तहजीब क्यूंकि तू है मेरे दिल के करीब
बिखरी हैं जुल्फ़ें तेरे चेहरे पर इन्हें सवारो, चाँद बादल के घूँघट में अच्छा लगता नहीं है।
बेवफाओं के मारे हुए हम भी तो हैं इस जमाने में, हैं बस चार लब्ज़ मोहब्बत के इस फ़साने में।
Dil ke badle jakhmen dil diya karte hain, ye to bewafa hain bewafai kiya karte hain.
जो आवाज उठी इस दिल में वह दब के रह गई, तेरी यादें एक बार जो छपी इस दिन में तो बस छप के ही रह गयी।
जब दब के रह जाती हैं आँहें इस दिल में, तभी तो मजबूर होती हैं आंखें भी रोने को।
मेरी आंखों की ये नमी जता देती है, मुझे आज भी खलती है तेरी कमी।
एक रंगीन सुबह के इंतजार में हम ढलती शाम के करीब हो गए... जिन्दगी खोज रहे थे हम और मौत से रूबरू हुए।
उस दिन तुझे मेरा दर्द समझ में आएगा, जिस दिन तुझे कोई तेरा अपना छोड़कर जाएगा।
अगर मुझे पता होता कि दर्द तेरी यादें भी देंगी मुझे, तो इन यादों को कभी न संजोते इस छोटे से दिल में ।
चांद का भी चेहरा होता है तुमसे मिलने के बाद पता चला मुझे।
सच्ची मोहब्बत गीता सी पवित्र और उतम चरित्र सी होती है
मेरी जिन्दगी में जो है तुझसे ही है चाहे जो मांग लो देना तो है।
मेरा महबूब कुरान की आयत और खुदा की जियारत है
दूर जाने की मुझसे बात ना करो, अभी तो मिले हो दो कदम तो साथ चलो।
मासूमो को मारो कोन सा मजहब ये कहता है हर मजहबी के बदन मे एक ही रंग का खून बहता है
खुद से ज्यादा तुम्हें चाहते हैं हम, तुमसे है जिन्दगी तुमसे है हर कसम।