रोक लो बहकते कदम, घर पे इंतजार कर रहा है आपका हम दम
धर्म से पहले करो सत कर्म रब भी दिखाएगा रहम
मा ने कहा था खुश रहना बेटी, पर कभी नहीं बोला था की पराये घर में आंसू के साथ मिलेगी रोटी
मेहंदी का गहरा रंग भी तेरी चाहत को बताता है और एक तू है जो इनकार कर के सताता है
तुमसे ये कहना है बस तेरे दिल मे रहना है
तु मेरा वो सनम है जिसके लिए मेरा हर बार होता जनम है
तु मोहब्बत की फिजा है मेरी चाहत का एक अनकहा सा लहजा है
जीन बच्चो को पाने के लिए मा - बाप करते थे विनती आज वो बच्चे मा - बाप की रोटीयो की करते है गिनती
दोस्त वो सूरज है जो कभी नहीं होता अस्त
मेरे सनम में ही बसता मेरा मजहब है
यहा कोई नहीं अपना है, मुसीबत के वक्त पता पड़ता है हर अपना भी होता सपना है
कभी एसी ना करो करतूत की तुम्हारे अपने ना देखे तुम्हारे सूरत
भगवान जी मुझे इतना देना वरदान, कितनी भी हो जाऊ सफल लेकिन मुज मे ना आए आन
आज भी एक आश है मेरा रब मेरे पास है
मेरे यार के दिल मे सिर्फ मै बसती हू इसी विश्वास पे मेरी ये दुनिया सजती है
तूझ जैसे मुझे हजार मिलते है आज भी मेरे लिए दीवानों के बाजार लगते है इसे attitude बोलते है
हमेशा सुरज जैसे बनो जो तप के सोने जेसी चमक देता है
वो इशक ही क्या जहा लब्जो की जरूरत पडे
ये तेरी मोहब्बत का ही असर है की मेरे अपने साये मे भी तुझको ही पाया है
मेरी शराफत तो समझ की तूज से कम से कम नफरत तो करती हु
कमीयो से लड़ना सीख रही हू हसके जीना सीख रही हू