इशक का जब उठता उफान है तब झुकता तूफान है
ये हिंदुस्तान है जनाब यहा कहावत मे भी मोहब्बत बसती है
भावनाओ मे मोहब्बत बसा दो इबादत बन जाते हैं
पता नहीं क्या सही है या गलत है बस मेरे जज्बात है
रब तू मुझे तब हसाता है जब हर कोई रुलाता है
खुशियों को ढूंढो मत एक बार गम को अपना कर देखो, खुशियाँ बाँहें फैलाकर बुलाएंगी तुम्हें।
जहा बिस्तर पे मोहब्बत टूटती है वो सच्ची मोहब्बत नहीं होती है
सुहाग की होती वो रात है जहा लब्जो से नहीं रूह से होती बात है
तु सनम नहीं मेरी जिन्दगी का जूठा वहम है
ऊपर वाला वो फनकार है जो सबको बनाता एक कलाकार हैं
जब तक कुछ नहीं होता हासिल तब तक जमाना कहता है जाहिल
तु वो खूबसूरत सा जाम है जिसे होठो से लगा के पीता हर शाम हू
किसी को बहका कर आप खुद अपने रास्ते का पतन करते हैं।
जो जीवन में सिखती हू वो ही लिखती हू
जो ताना मारने का ढूँढता है बहाना, एक दिन तारीफ करेगा वो ही जमाना
मेरी खता बता दे कहा मिलती है माफी उस दुकान का पता बता दे
जो सच्चा होता है उसके जीवन में सब अच्छा होता है
दिल मे गिटार बजता है धीरे से ठंडी हवा चलती है जब प्यार होता है तब
ख़ुदा मुझे सपनें वही दिखाए जिसे मैं पूरा कर सकूं..!
प्यार सजा है तो भी करने मे मजा है
गुलाम बनके नहीं करती सलाम हर रोज लिखती हूँ सच का कलाम