किस तरह छुपाऊ तुम्हे दुनिया से मैं मेरी तो रूह तक में समा चुके हो तुम
लोग कहा करते थे कि मेरी पसंद खराब है मगर तुम्हे पसंद जब से किआ , लोग मेरी पसंद की तारीफ़ करने लगे है
क्या पता था की तुमसे मोहब्बत हो जाएगी हम तो बस तेरी इक मुस्कराहट पे फ़िदा हुए थे
जब तू करीब आती है तो सब हासिल हो जाता है तेरे दूर जाने से तो साँसे भी साथ छोड़ने लगती है
जिंदगी में तुम जब होते हो पास मेरे तो सुकून होता है तुमसे जुदा जब होते है तो बस तुम्हे पाने का जूनून होता है
मेरी जिंदगी की कोई ख़ास कीमत नहीं अगर इसमें तुम्हारा प्यार न हो
हम जिंदगी जीने के लिए नहीं जीते जीते है तो बस तुमसे प्यार करने की खातिर
जब से तुम अपने बन गए सारा जहा पराया सा लगने लगा हर परछाई में भी अब तो बस साया तुम्हारा ही लगने लगा
वो खुदा भी हमसे खफा सा हो गया आज कल क्योकि हम उसके दर पे जाकर भी बस तुम्हारा ही नाम लिया करते है
ये दुनिया बड़ी जालिम है तुम्हे गुमराह कर देगी बस हमारे दिल में रहो तुम , यहाँ तुम्हारे सिवा कोई आता जाता नहीं
हर जख्म , हर दर्द की दवा मुनासिब है इस जहा में मगर दिल पे खाये उन जख्मो की दवा कहा से लाये जो किसी को नजर भी नहीं आते बस दर्द दे जाते है
कौन कहता है कि मुसाफिर जख्मी नहीं होता अक्सर मोहब्बत की राहों पर चलने वालो के दिल जख्मी हुआ करते है
मेरी मोहब्बत की हद क्या पता लगा पाओगे तुम हम तो तुम्हे साँसों से भी ज्यादा मोहब्बत करते है
प्यार करना सीख लिया हमने , सारी नफरते मिटा दी बस याद है तेरी अब इस दिल में , तेरे सिवा सारी दुनिया भुला दी
तुम्हारी एक मुस्कान ही मेरी जिंदगी से ज्यादा कीमती है मेरे लिए
परियो सी हसी हो तुम , मेरे दिल की हदो तक बसी हो तुम
Meri jindgi ki buniyad sirf tumhara ishq hai.
Apki ek muskan par, so dard seh sakte hai hum.
हर किसी ने प्यार भरी नजर से ही देखा है मुझे, एक मोहब्बत ही है जो सिर्फ तुमसे ही हुई
इश्क से बढ़कर कोई रोग नहीं है इस दुनिया में, दो जिंन्दगी एक साथ बर्बाद हो जाती हैं और जख्म भी नहीं दिखता
आज के बाद तुम्हारा हर गम मेरा खुशी मेरी है, बस आज के बाद तुम मेरे हो सिर्फ मेरे