कब बाटुंगी उन अनाथों का दुख, कुछ बनकर कब मिटा पाऊँगी उन बेसहारो की भूख
नहीं मिला वो अंजाना गगन और हमने खुद का कर लिया पतन
काश की बदल सकती बीता कल तो खूबसूरत बन जाता आने वाला हर पल
हर पल रहता है सुनसान, जिन्दगी बन गयी है जीन्दा शमशान
कोई नहीं पूछता क्या है मुझे गम क्यूँ मेरी आँखे रहती है नम
खूद से ही नाराज हू में, किसी तूफान का बनी आगाज हू में
परायी बेटी मे क्यूँ निकालते हो इतनी कमी, हर वक्त उसकी आँखो मे रहती है नमी
दर्द की किताब हू में, घोर से देखना किसी की बेवफाई का खिताब हू में
पराया दर्द मिटाना है, किसी बेसहारा को हसाना है
आंसू बहा के मत करना उनकी फीक्र जिनके लब्ज कभी नहीं करते तुम्हारा जीक्र
कोई नहीं पूछता यहा खेर, यह रिश्ते भी साबित होते हैं गेर
जो कोरा पन्ना समजे वो ही अपना होता है जिसे जरूरत पडे स्याही की वो सपना होता हैं
हमारे लिए मायने नहीं रखता ये जमाना, जमाना तब से बना अपना जब सीखा हमने धन कमाना
वक्त है सबसे बड़ा खुदा वक्त ही बताता है गम में कोन रहता है साथ और कोन होता है जुदा
लोगों को अल्फाजो की भी जरूरत है हमारी तो आवाज ही दिखाती हमारी सूरत है
महबूब तुम जैसा हो तो जिन्दगी जन्नत होती है, उनकी सादगी से पूरी मेरी हर मन्नत होती है
तुम्हें देख लगा मोहब्बत क्या होती है, सोती आँखे भी तुम्हारे ख्वाबों के साथ जगती है
जमाने को जिस के लिए छोड़ा उसने ही मेरे दिल को तोड़ा
टूटे दिल की कहानी हर रात देती है आँख मे पानी
तन्हाई का मोसम होता है सर्द हर रात देता है दर्द
आज भी हम "है" के साथ आज मे है और उन्होंने " था" के साथ राज बना दिया