कभी उस मर्द का भी सोचो जो पत्नी और मा के बीच पिसता है , मर्द का दर्द क्यु किसी को नहीं दिखता है
मत भूलो उन्हे जिनसे जनम मिलता है , मा - बाप से ही हमारे अस्तित्व का फूल खिलता है
बेवफाई मे भी एक सबक मिलता है उनके पास हमारे लिए मरहम नहीं नमक मिलता है
गलत शख्स को देके अपना दिल हार गए दिल का जुआँ , फिर भी ये दिल उनके लिए कर रहा है दुआ
सच्चा प्यार निःस्वार्थ होता है, हर हालात में।
हर कुर्बानी के लिए इशक होना सिखाता है सहमत, इशक का नाम नहीं है बगावत
नहीं चाहिए मुझे सोने की किस्मत, बस मेरे रब तु मुझ पे बनाए रखना अपनी रहमत
कुछ पाने के लिए अजीब सा जुनून है , बडते कदम को नहीं मिलता अब शुकून
लाख इंकार कर लु लेकिन इन्तजार तुम्हारा करती हु , दुनिया को छोड़ सिर्फ एतबार तुम्हारा करती हु
इशक अब एहसास नहीं बन गया है अंधी दोड , नया हसीन चेहरा देख पुराने को देते है छोड़
प्यार भी अजीब एहसास है , आँख से देखा जूठ भी सच मानके करता विश्वाश है
अजीब सी तुम्हारी चाहत की संगत है , आज खील गयी मेरी रूह की रंगत है
रिश्तों का अजीब मजाक बना रखा है जिन्हें भैया बोलते है वो बन जाता है सैया
कल्पनाओं की दुनियां मस्त है , जहाँ हमि से नियम बनते और हमि पर खत्म होते है।
ना भटक किसी अंधेरी राहपर, अपने ग्यानका दिया जला चौराहोंपर|मंझिल अपने आप मिलही जायेगी|
जिवन आनी जानी है, हर दिन नयी कहानी है, कोई आता जाता है, कोई वहींपे रुकता है|
खुद मरे बिना स्वर्ग नही दिखता, अर्थात खुद काम किये बिना सुखकी अनुभुति नही मिलती|
मेरे नाम नहीं किए अपने थोड़े से भी जज्बात , मुझे इशक चाहिए था नहीं कोई खेरात
आज पता पड़ा उन्हें कितनी है हमारी फिक्र , परायो के सामने बदनाम कर के कर रहे है हमारा जिक्र
मेरा जीस्म उनकी पहली जरूरत है , मेरी शिरत नहीं उन्हें पसंद मेरी सूरत है
कितना भी रोकू खूद को तुम तक पोहच जाति हू , तुम्हारी बाहो मे आके बिखर जाती हू