आज भी जब अपने टूटे अरमानों को समेटती हू सच में बहुत तड़पती हू
आसमान में उड़ने का ख्वाब है मुझ में दिल की जगह धड़कता अरमानों का सैलाब है
ये पलक शर्मा के झुकती है जब मेरे यार की झलक दिखती है
आज भी मेरे दिल में है दर्ज तेरे गुनाहो का कर्ज
जब सिर पे शेहरा बंधता है तब सिर्फ मेरे यार का चेहरा दिखता है
जज्बा रखो पूरे करने का अरमान क्यूंकि अरमान में भी मान छुपा है
जीनको अपनो में किया था शामिल वो ही निकले मेरे कातिल
जज्बात ही मोहब्बत की पहली सीढ़ी होते हैं
कुछ कर गुजरना है दीन और रात संघर्ष की आंग मे झलना है
सब पूछते है तू इतना कैसे हसती है मेरी अंधेरी रातो को पूछो कितना मे रोती हू
इन लड़कियों को मीठा - मीठा बोलके दिलो के साथ खेलना पसंद है
बहुत प्यारी होती है बेटी मत आंको इन्हे बेटो से छोटी
याद है आज भी वो गली जहा प्यार की झलक मिली थी पहली
Dhadkan ka haal na jaan ski wo is bebas dil ki
बिना किसी निजी स्वार्थ के किसी की परवाह करना या तो प्यार है या दोस्ती।
वो हर पल सताते हैं और हमे हर रात रुलाते हैं
जीवन में जो भी करना उसका परिणाम पहले सोचना
मे रोती हू तो भी उनके प्यार की याद महकती है
ये आँखे बहुत दुखती है जब टूटे ख्वाबो के साथ रोती है
हर रात बिकते हैं मेरे ख्वाब और खरीददार भी वो ही है जिन्हे हम मानते थे अपनी जिन्दगी का नवाब
मुझे भी दो अपने हक मे भी दुनिया में छोड़ूंगी महक